BA Semester-5 Paper-2B Econimics - International Economics - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :224
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2775
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर

 

अध्याय - 14
प्रशुल्क
(Tariffs)

प्रश्न- प्रशुल्क के प्रभावों को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर -

 

प्रशुल्क के प्रभाव
(Effects of Tariffs)

प्रशुल्क के प्रभावों को निम्न प्रकार स्पष्ट किया गया है -

1. संरक्षणात्मक प्रभाव (Protective Effect ) - जब वस्तुओं पर आयात कर लगाते हैं तो

विदेशों से आयातित वस्तुओं के मूल्य बढ़ जाते हैं। जिसके परिणामस्वरूप घरेलू उत्पादन में वृद्धि होने लगती है। वस्तु के घरेलू उत्पादन में वृद्धि की यह मात्रा ही आयात करों का संरक्षणात्मक प्रभाव है। इसे रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट किया गया है-

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दिए गए चित्र में वस्तु के स्वदेशी पूर्ति वक्र व माँग वक्र को क्रमश: SS व DD द्वारा प्रदर्शित किया गया है। इस देश में निर्यातकर्ता OP कीमत पर वस्तु का विक्रय करने को तैयार है। इस स्थिति में घरेलू पूर्ति Q1 तथा घरेलू माँग 0Q4 हो। अतः देश Q1Q4 के बराबर वस्तु का आयात करता है। इस स्थिति में वस्तु  पर आयात कर लगा देने पर स्वदेशी बाजार में वस्तु की कीमत OP से बढ़कर 0Q4, हो जाती है। परिणामस्वरूप उत्पादन में Q1 Q2 के बराबर वृद्धि होती है। यह आयात कर का संरक्षण प्रभाव है।

2. राजस्व प्रभाव ( Revenue Effect) - यदि कर की मात्रा को आयात की मात्रा कर दिया जाए तो जो राशि प्राप्त होती है, वह राजस्व की प्राप्ति को व्यक्त करती है।

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दिए गए चित्र में PP 1 कर की राशि (कीमत वृद्धि) का Q1., Q3 आयात की मात्रा से गुणा करने पर IHJL कुल राजस्व की प्राप्ति होती है। यही राजस्व का कुल प्रभाव है।

3. कीमत- प्रभाव (Price Effect) - देश में यदि आयात व निर्यातकर्ता माँग व पूर्ति की लोच के बराबर है तो सामान्यतः आयात कर लगाने वाले देश में वस्तु के मूल्य में आयात कर की मात्रा के बराबर वृद्धि हो जाती है।

दिए गए चित्र में आयात कर (t) = कीमत में वृद्धि (PP1) माँग व पूर्ति की लोच के भिन्न-भिन्न होने पर कीमतों में वृद्धि या कमी भी भिन्न-भिन्न होगी।

4. पुनर्वितरणात्मक प्रभाव (Redistribution Effect ) - जब वस्तुओं पर आयात कर लग जाता है, तो उसकी घरेलू कीमतें बढ़ जाती हैं। परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं को बचत कम होती है। उपभोक्ता को जिस अनुपात में बचत कम होती है, उत्पादकों की आय में उसी अनुपात में वृद्धि होती है।

5. उपभोक्ता प्रभाव (Consumption Effect) - प्रशुल्क के कारण वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होती है, परिणामस्वरूप कुल उपभोगों में कमी होती है।

6. आय के वितरण पर प्रभाव (Effects on Distribution of Income) - प्रशुल्क का आय के वितरण पर प्रभाव का अध्ययन प्रो. एजवर्थ बाउले बाक्स के माध्यम से किया जा सकता है। : जिसे निम्न प्रकार निरूपित किया गया है -

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दिए गए चित्र में स्वतन्त्र व्यापार सन्तुलन बिन्दु P है, जो कि देश में श्रम गहन वस्तु का निर्यात करता है और पूँजी गहन वस्तु का आयात करता है। पूँजी गहन वस्तुओं पर आयात कर लगा देने पर उनके मूल्यों में वृद्धि हो जाती है। परिणामस्वरूप देश में आयातित वस्तु के उत्पादन में वृद्धि और निर्यातक वस्तु के उत्पादन में कमी होगी और व्यापार सन्तुलन बदलकर P पर आ जाएगा, जिसका आयात यह है कि अब यह देश आयातित पूँजी गहन वस्तु का अधिक उत्पादन और निर्यातित श्रम गहन वस्तु का कम उत्पादन करने लगा है। इसमें साधन अनुपात परिवर्तित हो जाता है और P' बिन्दु पर निर्यातित वस्तु अधिक श्रम गहन वस्तु हो जाती है और आयातित वस्तु के साधन अनुपात में पूँजी का अनुपात बढ़ जाता है। जब आयात की जाने वाली वस्तु का उत्पादन देश में बढ़ जाता है तो पूँजी की माँग में भी वृद्धि होती है और निर्यात की जाने वाली वस्तु के उत्पादन में कमी हो जाने से श्रम की माँग भी कम हो जाती है। इस प्रकार पूँजी की माँग उनकी पूर्ति से अधिक हो जाएगी जिससे पूँजी की कीमत में वृद्धि होगी। इसके विपरीत मजदूरी दर में कमी होगी, क्योंकि श्रम की पूर्ति उसकी माँग से अधिक हो जाती है अर्थात् श्रम की अधिकता हो जाती है। इस प्रकार प्रशुल्क के कारण आय का वितरण श्रम से पूँजी की ओर होने लगेगा। यही आय के वितरण पर प्रभाव पड़ता है।

7. व्यापार शर्त प्रभाव (Terms of Trade Effect) - प्रशुल्क निर्यातों को प्रोत्साहित व आयातों को हतोत्साहित करते हैं। निर्यातक देश आयात कर लग जाने के पश्चात् विदेशी बाजार में करारोपित वस्तु की माँग में वृद्धि करने के लिए अपनी कीमत में कमी कर देते हैं। अतः कर लगाने वाले देश की निर्यात वस्तु की तुलना में आयातित वस्तु की कीमत में कमी होगी जिससे व्यापार शर्तों में सुधार होगा लेकिन यह सुधार प्रशुल्क के पश्चात् निर्यातकर्ता देश में वस्तु के घटने की सीमा तक आयातकर्ता देश में वस्तु की कीमत में वृद्धि की सीमा पर निर्भर करता है। ये सीमाएँ आयातकर्ता व निर्यातकर्ता देशों की वस्तु के लिए माँग व पूर्ति की सापेक्षिक लोच पर निर्भर करती है। इसे निम्न रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट किया गया है

रेखाचित्र द्वारा स्पष्टीकरण

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उपरोक्त चित्र में आयात कर लगाने से पूर्व वस्तु की माँग P है। दोनों देशों में वस्तु की माँग व पूर्ति की लोच समान लेने पर करारोपण के पश्चात् दोनों देशों के बाजारों में P1 कीमत स्थापित हो जाती है। उपरोक्त चित्र में यह स्पष्ट है कि आयात कर लग जाने के कारण निर्यातकर्ता देश (A) में तो वस्तु की कीमत में आंशिक कमी होती है जबकि आयातकर्ता देश (B) में वस्तु की कीमत में आंशिक वृद्धि होती है। इस प्रकार प्रशुल्क का भार दोनों देशों के बीच समान रूप से वितरित हो जाता है।

लेकिन यदि निर्यातकर्ता देश में वस्तु की सापेक्षिक पूर्ति से बेलोचदार और आयातकर्ता देश में सापेक्षिक रूप से लोचदार होती है तो प्रशुल्क के कारण निर्यातकर्ता देश में अपेक्षाकृत अधिक कमी होगी और आयातकर्ता देश में अपेक्षाकृत कम वृद्धि होगी। इस प्रकार यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि प्रशुल्क का अधिकतम भार निर्यातकर्ता देश को ही वहन करना पड़ेगा। इसे निम्न रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट किया गया है -

रेखाचित्र द्वारा स्पष्टीकरण

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उपरोक्त चित्र में यह स्पष्ट किया गया है कि कर लगाने के पश्चात् प्रत्येक देश में नयी कीमत रेखा P' स्थापित होती है, जो कि यह स्पष्ट रूप से बताती है कि निर्यातकर्ता देश (A) में वस्तु की कीमत में अपेक्षाकृत अधिक कमी और आयातकर्ता देश (B) में कीमत में अपेक्षाकृत कम वृद्धि हुई है।

8. आय व रोजगार पर प्रभाव (Effect on Income and Employment) - देश के भीतर घरेलू उद्योगों के विकास व विस्तार में प्रशुल्क अत्यन्त सहायक होते हैं। जिसके कारण इन उद्योगों में निम्न प्रक्रियायें आरम्भ होती हैं

(i) रोजगार के स्तर में वृद्धि होती है।
(ii) अन्य उद्योगों की वस्तुओं में माँग में वृद्धि होती है।
(iii) गुणक क्रिया आरम्भ होती है।
(iv) नवीन उद्योग का विस्तार होता है।
(v) त्वरक क्रिया आरम्भ हो जाती है।

इस प्रकार गुणक व त्वरक की अन्तः क्रिया होती है, जिसके द्वारा आय, विनियोग व रोजगार में भारी- विस्तार होता है।

आलोचना- इसकी आलोचना निम्न प्रकार की गई है -

(i) पूर्ण रोजगार की स्थिति में प्रशुल्क द्वारा मुद्रा-प्रसार में वृद्धि होती है। जिसके फलस्वरूप वास्तविक आय में तो कोई वृद्धि नहीं होती है किन्तु भौतिक आय में काफी वृद्धि होती है।

(ii) प्रशुल्क लगाने के कारण जिन देशों से वस्तुओं के आयात कम होते हैं, उन्हीं देशों को इनके निर्यात भी कम हो जाते हैं। इस स्थिति में जो देश प्रशुल्क लगाते हैं उनके आय रोजगार व निर्यात उद्योगों के स्तर में गिरावट आती है।

9. भुगतान सन्तुलन पर प्रभाव (Effect on Balance of Payments) - जब भुगतान- सन्तुलन प्रतिकूल होता है तब आयातकर्ता देश भुगतान सन्तुलन की स्थिति में सुधार करने के लिए आयातों पर प्रतिबन्ध लगाता है। इसके निम्नलिखित दोष हो सकते हैं -

(i) प्रशुल्क अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में संकुचन उत्पन्न करता है।
(ii) इसका प्रभाव स्थायी नहीं होता है।

(iii) प्रशुल्क अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभों को प्रतिबन्धित करता है। (iv) प्रशुल्क के आयातों पर पड़ने वाले प्रभाव निश्चित नहीं होते।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विषय-सामग्री एवं क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र की विषय-सामग्री एवं क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र का अर्थ व परिभाषा दीजिए तथा इसके विषय क्षेत्र व विषय-सामग्री का वर्णन कीजिए।
  4. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र के अध्ययन की आवश्यकता क्यों पड़ी?
  5. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र का क्या अर्थ है?
  6. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के कारण कौन-कौन सी प्रमुख आर्थिक समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं?
  7. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से आप क्या समझते हैं? साथ ही यह भी स्पष्ट कीजिए कि अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार ने किन आर्थिक समस्याओं को जन्म दिया है?
  8. प्रश्न- 'अन्तरक्षेत्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का आर्थिक आधार श्रम विभाजन एवं विशिष्टीकरण है।' स्पष्ट कीजिए।
  9. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रभाव बताइये।
  10. प्रश्न- अन्तक्षेत्रीय व्यापार की प्रमुख विशेषताएँ कौन-सी हैं? अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार किस प्रकार अन्तर्क्षेत्रीय व्यापार से भिन्न है?
  11. प्रश्न- अन्तर्क्षेत्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में अन्तर बताइये।
  12. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का क्या अर्थ है? अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का क्या महत्व है?
  13. प्रश्न- विदेश व्यापार से क्या लाभ होते हैं?
  14. प्रश्न- विदेशी व्यापार से क्या-क्या हानि होती है?
  15. प्रश्न- आन्तरिक व्यापार व विदेशी व्यापार में क्या अन्तर है?
  16. प्रश्न- अन्तक्षेत्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में क्या समानताएँ है?
  17. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार पर वणिकवादी विचारधारा का विश्लेषण कीजिए।
  18. प्रश्न- एडम स्मिथ के निरपेक्ष लाभ के सिद्धान्त का विश्लेषण कीजिए।
  19. प्रश्न- रिकार्डो का तुलनात्मक लागत सिद्धान्त की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  20. प्रश्न- एडम स्मिथ के लागतों के निरपेक्ष लाभ सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  21. प्रश्न- क्या अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए पृथक सिद्धान्त की आवश्यकता है?
  22. प्रश्न- एडम स्मिथ के स्वतन्त्र व्यापार सिद्धान्त का प्रतिपादन कीजिए।
  23. प्रश्न- उन कारणों को स्पष्ट कीजिए जिससे तुलनात्मक लागत सिद्धान्त विकासशील देशों या अर्द्ध विकसित देशों में लागू नहीं होता है?
  24. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के तुलनात्मक लाभ के सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए कीजिए।
  25. प्रश्न- तुलनात्मक लागत लाभ सिद्धान्त की मान्यतायें बताइये।
  26. प्रश्न- लागतों में अन्तर के प्रकार बताइये।
  27. प्रश्न- तुलनात्मक लागत लाभ सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
  28. प्रश्न- तुलनात्मक लागत सिद्धान्त अर्द्ध-विकसित देशों में लागू क्यों नहीं होता?
  29. प्रश्न- क्या आनुभाविक जाँच से तुलनात्मक लागत सिद्धान्त की सत्यता स्थापित की गयी है? स्पष्ट कीजिए।
  30. प्रश्न- मिल द्वारा प्रतिपादित अन्तर्राष्ट्रीय मूल्यों के सिद्धान्त का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  31. प्रश्न- व्यापार की शर्तों से क्या आशय है? व्यापार की शर्तों के प्रकार को समझाइये
  32. प्रश्न- व्यापार की शर्तों के प्रकार की व्याख्या कीजिए।
  33. प्रश्न- व्यापार की शर्तों को प्रभावित करने वाले घटकों की विवेचना कीजिए।
  34. प्रश्न- अर्द्धविकसित देशों की व्यापार की शर्तों के प्रतिकूल रहने के क्या कारण है? इनके सुधार हेतु सुझाव भी दीजिए।
  35. प्रश्न- अर्द्ध-विकसित देशों में व्यापार की शर्तों में सुधार हेतु सुझाव दीजिए।
  36. प्रश्न- "व्यापार की शर्तें एवं आर्थिक विकास आपस में एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं।" व्याख्या कीजिए।
  37. प्रश्न- व्यापार की शर्तें आर्थिक विकास को किस प्रकार प्रभावित करती हैं?
  38. प्रश्न- संरक्षण के लिए शिशु उद्योग तर्क का परीक्षण कीजिए।
  39. प्रश्न- व्यापार की शर्तों का महत्व समझाइये ।
  40. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के अवसर लागत सिद्धान्त की आलोचनात्मक समीक्षा व्याख्या कीजिए।
  41. प्रश्न- अवसर लागत का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  42. प्रश्न- अवसर लागत सिद्धान्त की मान्यताएँ बताइये।
  43. प्रश्न- स्थिर अवसर लागत के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को समझाइये।
  44. प्रश्न- स्थिर लागत की दशा में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कब लाभप्रद होता है?
  45. प्रश्न- बढ़ती अवसर लागत की दशा में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को समझाइये।
  46. प्रश्न- घटती अवसर लागत की दशा में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को समझाइये।
  47. प्रश्न- अवसर सिद्धान्त किन मायनों में परम्परागत तुलनात्मक लागत सिद्धान्त से श्रेष्ठ है?
  48. प्रश्न- अवसर लागत सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
  49. प्रश्न- वास्तविक लागत सिद्धान्त एवं अवसर लागत सिद्धान्त का तुलनात्मक विवेचन कीजिए।
  50. प्रश्न- स्वतन्त्र व्यापार की अवधारणा का विश्लेषण कीजिए।
  51. प्रश्न- स्वतन्त्र व्यापार के पक्ष में तर्क प्रस्तुत कीजिए।
  52. प्रश्न- स्वतन्त्र एवं संरक्षण व्यापार में अन्तर लिखिये। स्वतंत्र व्यापार के गुण व दोष बताइये।
  53. प्रश्न- व्यापार संरक्षण नीति किसे कहते हैं? संरक्षण व्यापार से लाभ व हानियाँ बताइए।
  54. प्रश्न- अल्पविकसित या विकासशील या गरीब देशों में संरक्षण व्यापार की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
  55. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापारिक ब्लॉक से क्या आशय है? इसके विकास का सिद्धान्त उद्देश्य तथा प्रकारों को समझाइये।
  56. प्रश्न- व्यापारिक ब्लॉक की उत्पत्ति का सिद्धान्त समझाइए।
  57. प्रश्न- वैश्विक व्यापारिक ब्लॉकों के उद्देश्य तथा प्रकार बताइए।
  58. प्रश्न- वैश्विक व्यापारिक ब्लॉकों के लाभ व दोष समझाइए।
  59. प्रश्न- वैश्विक व्यापारिक ब्लॉकों के दोष / कमियाँ बताइए।
  60. प्रश्न- सीमा संघ के स्थैतिक तथा प्रावैगिक प्रभावों का वर्णन कीजिए।
  61. प्रश्न- सीमा संघ के प्रावैगिक प्रभाव कौन-कौन से होते हैं?
  62. प्रश्न- एसियान क्षेत्रों की प्रगति पर टिप्पणी लिखिए।
  63. प्रश्न- ब्रिक्स (BRICS) से आप क्या समझते हैं?
  64. प्रश्न- भारत, ब्राजील व दक्षिण अफ्रीका संवाद मंच (IBSA) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  65. प्रश्न- दक्षिण एशियाई अधिमान व्यापार ठहराव का क्या है? इसका औचित्य व प्रगति बताइये।
  66. प्रश्न- एशियाई क्षेत्र में सीमा शुल्क संघ बनाने में क्या समस्याएँ हैं?
  67. प्रश्न- भुगतान सन्तुलन से क्या आशय है? भुगतान सन्तुलन के विभिन्न भागों का वर्णन कीजिए।
  68. प्रश्न- भुगतान सन्तुलन के विभिन्न भागों का वर्णन कीजिए।
  69. प्रश्न- पूँजी खाता परिवर्तनशीलता क्या है? इसको लागू करने की पूर्व शर्तें क्या हैं?
  70. प्रश्न- "भुगतान सन्तुलन सदैव सन्तुलन में रहता है।' विवेचना कीजिए।
  71. प्रश्न- भुगतान संतुलन के समायोजन तन्त्र का वर्णन कीजिए।
  72. प्रश्न- भुगतान असन्तुलन के क्या परिणाम होते हैं?
  73. प्रश्न- भुगतान असन्तुलन के कारणों को समझाइये।
  74. प्रश्न- मार्शल-लर्नर शर्त (Marshall - Lerner Condition) का वर्णन कीजिए।
  75. प्रश्न- भुगतान सन्तुलन व व्यापार सन्तुलन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  76. प्रश्न- तुलनात्मक लागत का हैक्सचर-ओहलिन सिद्धान्त का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  77. प्रश्न- हेक्सचर-ओहलिन सिद्धान्त की मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए।
  78. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के परम्परावादी सिद्धान्त व हेक्सचर ओहलिन सिद्धान्त की तुलना कीजिए।
  79. प्रश्न- हेक्सचर-ओहलिन के सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
  80. प्रश्न- तकनीकी अन्तराल सिद्धान्त (Technological Gap Model ) का विश्लेषण कीजिए।
  81. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभों को बताइये तथा यह बताइये कि इनकी माप किस प्रकार की जाती है?
  82. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की हानियों को बताइये।
  83. प्रश्न- लियोनतीफ का विरोधाभास क्या है? बताइये।
  84. प्रश्न- रिब्जन्सकी प्रमेय की व्याख्या कीजिए।
  85. प्रश्न- निर्धनताकारी विकास को समझाइए।
  86. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का पाल कुग्रमैन सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  87. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना तथा उद्देश्य बताइये।
  88. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के उद्देश्य बताइये।
  89. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यों की विवेचना कीजिए।
  90. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख उपलब्धियों तथा असफलताओं का वर्णन कीजिए।
  91. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक की कार्यप्रणाली की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए।
  92. प्रश्न- विश्व बैंक के कार्यों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  93. प्रश्न- विश्व बैंक के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
  94. प्रश्न- विश्व बैंक की सफलतायें या प्रगति बताइये।
  95. प्रश्न- विश्व बैंक की असफलतायें बताइये।
  96. प्रश्न- एशियन विकास बैंक की कार्यप्रणाली समझाइये ।
  97. प्रश्न- एशियाई विकास बैंक के मुख्य उद्देश्य बताइये।
  98. प्रश्न- एशियाई विकास बैंक की सदस्यता पूँजी व प्रबन्ध को बताइये।
  99. प्रश्न- "विश्व बैंक की स्थापना अर्द्धविकसित देशों के लिये वरदान है।' स्पष्ट कीजिए।
  100. प्रश्न- विश्व बैंक पर टिप्पणी लिखिए।
  101. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  102. प्रश्न- भारत तथा विश्व बैंक पर टिप्पणी लिखिए।
  103. प्रश्न- 'तटकर एवं व्यापार समझौते' (गैट) पर एक लेख लिखिए।
  104. प्रश्न- व्यापार एवं प्रशुल्क पर हुए सामान्य समझौते (GATT) के प्रमुख उद्देश्य कौन-कौन से हैं?
  105. प्रश्न- गैट के मौलिक सिद्धान्त क्या थे?
  106. प्रश्न- गैट के प्रमुख कार्य बताइये।
  107. प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन क्या है? इसके प्रमुख उद्देश्यों को बताइये।
  108. प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्य बताइये।
  109. प्रश्न- भारत को विश्व व्यापार संगठन से होने वाले सम्भावित लाभों एवं हानियों का विवेचन कीजिए।
  110. प्रश्न- भारत को विश्व व्यापार संगठन से होने वाली सम्भावित हानियों को बताइए।
  111. प्रश्न- अन्य विकासशील देशों के संदर्भ में भारत की स्थिति बताइये।
  112. प्रश्न- विकासशील देशों के दृष्टिकोण से विश्व व्यापार संगठन समझौते की व्याख्या कीजिए।
  113. प्रश्न- भारत को अंकटाड से होने वाले लाभों की व्याख्या कीजिए।
  114. प्रश्न- भारतीय अर्थव्यवस्था पर भूमण्डलीकरण के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों को इंगित कीजिए।
  115. प्रश्न- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से आप क्या समझते हैं? प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के सन्दर्भ में सरकार द्वारा बनाए गए नीतियों का उल्लेख कीजिए?
  116. प्रश्न- गैट तथा अर्द्ध-विकसित राष्ट्रों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  117. प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के समझौते बताइये।
  118. प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन का संगठनात्मक ढाँचा प्रस्तुत कीजिए।
  119. प्रश्न- बौद्धिक सम्पदा अधिकार से आप क्या समझते हैं?
  120. प्रश्न- "विश्व व्यापार संगठन गैट (GATT) की तुलना में कहीं अधिक विस्तृत एवं व्यापक वैधानिक अधिकार वाला संगठन है।' विवेचना कीजिए।
  121. प्रश्न- व्यापार से सम्बन्धित बौद्धिक सम्पदा अधिकार (ट्रिप्स) पर टिप्पणी लिखिए।
  122. प्रश्न- व्यापार से सम्बन्धित उपाय (ट्रिप्स) पर टिप्पणी लिखिए।
  123. प्रश्न- बहुपक्षीय व्यापार से आप क्या समझते हैं? विश्व व्यापार संगठन ने इस सम्बन्ध में क्या भूमिका निभायी है?
  124. प्रश्न- 'बहुपक्षीय मुद्दे तथा विश्व व्यापार संगठन' को स्पष्ट कीजिए।
  125. प्रश्न- बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की विवेचना कीजिए।
  126. प्रश्न- अंकटाड के उद्देश्य एवं स्वीकृत सिद्धान्तों को बताइये।
  127. प्रश्न- अंकटाड के कार्य बताइये।
  128. प्रश्न- दसवें अंकटाड पर टिप्पणी लिखिए।
  129. प्रश्न- विदेशी व्यापार में विविधता लाने की दृष्टि से अंकटाड की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  130. प्रश्न- उत्तर-दक्षिण व्यापार संवाद क्या है?
  131. प्रश्न- दक्षिण-दक्षिण सहयोग (South-South Coorperation) से आप क्या समझते हैं?
  132. प्रश्न- विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड से आप क्या समझते हैं? यह एफडीआई से कैसे सम्बद्ध है?
  133. प्रश्न- विदेशी पूँजी किसे कहते हैं?
  134. प्रश्न- अभ्यंश से आप क्या समझते हैं? आयात अभ्यंश के विभिन्न प्रकारों को बताइये।
  135. प्रश्न- आयात अभ्यंशों के विभिन्न प्रकार बताइये।
  136. प्रश्न- आयात अभ्यंश के विभिन्न प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
  137. प्रश्न- आयांत अभ्यंश के उद्देश्य बताइये।
  138. प्रश्न- अभ्यंश प्रणाली के पक्ष में तर्क दीजिए।
  139. प्रश्न- प्रभावी संरक्षण पर टिप्पणी।
  140. प्रश्न- आयात प्रतिस्थापन से आप क्या समझते हैं?
  141. प्रश्न- आयात प्रतिस्थापन से लाभ बताइये।
  142. प्रश्न- आयाल अभ्यंश एवं प्रशुल्क की तुलना कीजिए।
  143. प्रश्न- राशिपातन के स्वभाव एवं उसके विभिन्न रूपों की विवेचना कीजिए।
  144. प्रश्न- स्वतन्त्र व्यापार से आप क्या समझते हैं? इसके पक्ष में तर्क प्रस्तुत कीजिए।
  145. प्रश्न- विदेशों में कम मूल्य पर बेचने की नीति से आप क्या समझते हैं?
  146. प्रश्न- प्रशुल्क के प्रभावों को स्पष्ट कीजिए।
  147. प्रश्न- गैर-प्रशुल्क बाधाएँ (Non-tariff Barriers) किसे कहते हैं? इनके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  148. प्रश्न- प्रशुल्क का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  149. प्रश्न- प्रशुल्क युद्ध से क्या आशय है?
  150. प्रश्न- प्रशुल्क युद्ध को चित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए।
  151. प्रश्न- भारत सरकार की प्रशुल्क नीतियाँ।
  152. प्रश्न- "अनुकूलतम प्रशुल्क की धारणा यह बताती है कि प्रशुल्क कितनी मात्रा में लगाये जायें ताकि देश का अधिकतम कल्याण हो।' इस कथन की विवेचना कीजिए।
  153. प्रश्न- अनुकूलतम प्रशुल्क तथा कल्याण निहितार्थ पर टिप्पणी लिखिए।
  154. प्रश्न- विदेशी विनिमय बाजार के कार्यों का विवरण दीजिए।
  155. प्रश्न- विनिमय दर क्या है? विदेशी विनिमय दरों में परिवर्तन लाने वाले विभिन्न घटकों का विवेचन कीजिए।
  156. प्रश्न- विनिमय दर को प्रकाशित करने वाले घटकों की विवेचना कीजिए।
  157. प्रश्न- विदेशी विनिमय दर को प्रभावित करने वाले उन घटकों का वर्णन कीजिए जो विदेशी विनिमय दरों में परिवर्तन लाते हैं।
  158. प्रश्न- मुद्रा की परिवर्तनीयता से आप क्या समझते हैं?
  159. प्रश्न- क्रय शक्ति समता सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  160. प्रश्न- टकसाल दर समता सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं?
  161. प्रश्न- विनिमय नियोजन क्या है? भारत में विनिमय नियन्त्रण के क्या उद्देश्य हैं? इस दिशा में भारत सरकार ने हाल के वर्षों में क्या किया है?
  162. प्रश्न- विनिमय नियंत्रण की विधियों का वर्णन कीजिए।
  163. प्रश्न- विनिमय नियन्त्रण की अप्रत्यक्ष विधियों को समझाइये ।
  164. प्रश्न- वैश्विक वित्तीय संकट का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  165. प्रश्न- विनिमय नियंत्रण के उद्देश्यों को बताइये।
  166. प्रश्न- परिवर्तनशील विनिमय दरों के पक्ष में तर्क दीजिए।
  167. प्रश्न- परिवर्तनशील विनिमय दर के विपक्ष में तर्क दीजिए।
  168. प्रश्न- अग्रिम विनिमय तथा तैयार सौदों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  169. प्रश्न- हेजिंग (Hedging) से आप क्या समझते हैं?
  170. प्रश्न- अन्तर्पणन क्रियाएँ क्या हैं?
  171. प्रश्न- मुद्रा की परिवर्तनीयता से आप क्या समझते हैं?

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